MP:स्कूल वाले चोरी-छिपे करा रहे 10वीं की परीक्षा, प्रशासन ने धर लिए!
रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि स्कूल संचालन ने चोरी-छिपे इस परीक्षा का आयोजन किया था, वहीं उनकी तरफ से छात्रों के माता-पिता को भी चेतावनी दी गई थी कि अगर परीक्षा में बच्चे नहीं आए तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
नियमों के खिलाफ जाकर परीक्षा:
आपको बतादें कोरोना काल में सरकार की तरफ से 10वीं की परीक्षा पर रोक लगाई गई है, छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला हुआ है। लेकिन फिर भी कुछ लोगों को सरकार के फैसलों के खिलाफ जाना होता है।
उन्हें नियमों को ताक पर रख छात्रों की जिंदगी को खतरे में डालना होता है और डाल भी रहें है। अभी ताजा मामला मध्य प्रदेश के गुरुकुल हायर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल का है जहां पर 30 से 40 छात्रों को 10वीं की परीक्षा के लिए बुलाया गया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि स्कूल संचालन ने चोरी-छिपे इस परीक्षा का आयोजन किया था, वहीं उनकी तरफ से छात्रों के माता-पिता को भी चेतावनी व धमकी दी गई थी कि अगर परीक्षा में बच्चे नहीं आए तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
बस इसी चेतावनी या धमकी के डर से, ऐसे में तमाम माता-पिता ने भी कोरोना काल में परीक्षा के लिए बच्चों को भेज दिया। अब स्कूल प्रशासन की तरफ से जरूर इस परीक्षा को छिपाने की कोशिश हुई, लेकिन इस परीक्षा के बारे में सभी को पता भी चला और स्कूल के खिलाफ एक्शन भी हो गया।
पुलिस ने छापा मारा, धर लिये गए:
जैसे ही पुलिस को सूचना मिली, पुलिस ने मारा छापा, स्कूल के खिलाफ केस पुलिस की तरफ से तुरंत छापा मारा गया और तमाम छात्रों को क्लास से बाहर भेज दिया गया। स्कूल संचालक ने प्रशासन की टीम को देखकर भागने की कोशिश तो की लेकिन उसे भी पकड़ लिया गया।
इसके बाद छात्रों के माता-पिता से भी सवाल-जवाब हुए। उनसे भी यहीं जानने का प्रयास रहा कि आख़िरकार सरकार के नियमों को क्यों तोड़ा गया? अब क्योंकि माता-पिता ने स्कूल की चेतावनी वाली बात प्रशासन को बता दी, लेकिन ऐसे में स्कूल के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन तहत मामला दर्ज किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक वहीं नियम अनुसार स्कूल के खिलाफ और भी एक्शन लिए जाएंगे। मध्य प्रदेश में कोरोना केस कम, खतरा बरकरार इस मामले ने सभी को हैरत में डाल दिया है। एक तरफ जब पूरे देश में इस समय 12वीं की परीक्षाओं को लेकर चर्चा हो रही है, सरकार की तरफ से अलग-अलग प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, उस बीच इस तरह से नियमों को तोड़ 10वीं की परीक्षा कराना एक बहुत बड़ी लापरवाही है जिसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
वैसे भी मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले सिर्फ कम हुए है, खतरा अभी भी बरकरार है. राज्य में महामारी से होने वाली मौत का आंकड़ा भी काफी ज्यादा है. इसलिए किसी भी तरह की परीक्षा का आयोजन सिर्फ कोरोना को आमंत्रण देने वाला साबित हो सकता है।
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