साइबर सुरक्षा सूचकांक में भारत 10वें स्थान पर पहुंचा
भारत के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) राजेश पंत ने कहा, “यह बहुत अच्छी खबर है और CERT (साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) के साथ कई पहलों की स्वीकृति है।”
भारत ने देशों की वैश्विक साइबर सुरक्षा रैंकिंग के शीर्ष 10 में प्रवेश किया, चीन नंबर 33 पर और पाकिस्तान नंबर 79 पर है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के आईटीयू ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी एजेंडा (जीसीए) में अपनी रैंकिंग 47वें नम्बर से 10वें नम्बर तक सुधार की है। अमेरिका पहले स्थान पर है, उसके बाद यूके है।
भारत के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (एनसीएससी) राजेश पंत ने कहा, “यह बहुत अच्छी खबर है और सीईआरटी (साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) के साथ कई पहलों की स्वीकृति है।”
आपको बतादें पिछले साल अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में साइबर सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हुए, पंत ने अन्य उपायों पर भी प्रकाश डाला: “हमारे पास एक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति है जो कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार कर रही है और हाल ही में विश्वसनीय स्रोत नीति का संचालन भी किया है सभी दूरसंचार कंपनियां यह घोषित करें कि वे अपने उपकरण कहां से लाएं।”
रैंकिंग ऐसे समय में आई है जब सरकार सीमा पार साइबर हमलों के कई उदाहरणों से निपट रही है।
हमने फरवरी में कई उदाहरणों की सूचना दी जिसमें साइबर हमले शुरू करने के लिए सरकारी डोमेन ईमेल पते का उपयोग किया गया था और कई सरकारी सर्वरों में महत्वपूर्ण कमजोरियों व लूपहोल्स की खोज की गई थी, जो हमलावरों को संवेदनशील नेटवर्क में गहराई तक पहुंच प्रदान कर सकती थी।
अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ, या आईटीयू, जो संयुक्त राष्ट्र के तहत एक विशेष एजेंसी है, ने रिपोर्ट में कहा कि रैंकिंग चार स्तंभों पर आधारित है: कानूनी उपाय, तकनीकी उपाय, क्षमता निर्माण के उपाय और संगठनात्मक उपाय।
नवीनतम रिपोर्ट सिरीज़ की चौथी रिपोर्ट है:
ACCESS NOW (एक्सेस नाउ) के रमनजीत चीमा ने कहा, “यह रेटिंग भारत की खराब साइबर सुरक्षा स्थिति की वास्तविकता को नहीं दर्शाती है। बल्कि भारत ने अभी तक एक दशक से अधिक समय से अपनी राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति प्रकाशित नहीं की है और दो साल की चर्चा के बावजूद सरकार के विभिन्न हिस्सों में स्पष्ट साइबर सुरक्षा जिम्मेदारियों को निर्धारित नहीं किया है।
उन्होंने कहा, यह हर महीने बढ़ते सीमा पार साइबर हमलों और डेटा उल्लंघनों का भी सामना कर रहा है और वैश्विक साइबर नीति के मुद्दों पर इसकी स्थिति के लिए कहा जा रहा है। भारत एक वैश्विक लीडर हो सकता है लेकिन अभी तक नहीं है।
जुड़े रहिये, टेक्नोलॉजी, जारी है अपडेट, एक्यूरेट इनफॉर्मर।