Structure ready to run bullet train

NHRCL: बुलेट ट्रेन चलाने के लिए ढांचा हुआ तैयार

आपको बतादें नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा है कि उसने बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेल मार्ग का ढांचा तैयार कर लिया है। यह संगठन ही 508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है।

नई दिल्ली: नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने कहा है कि उसने बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेल मार्ग का ढांचा तैयार कर लिया है। यह संगठन ही 508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहा है।

Structure ready to run bullet train
Structure ready to run bullet train, फोटो: हिंदुस्तान

मजदूरों की भारी कमी और मानसून की बारिश के बीच पूरा किया ढांचा:

जागरण की रिपोर्ट के अनुसार रेल ढांचा तैयार करने का कार्य कोविड-19 महामारी के दौरान मजदूरों की भारी कमी और मानसून की बारिश के बीच पूरा किया गया। यह परियोजना भारत और जापान का संयुक्त उपक्रम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने 14 सितंबर, 2017 को 1.08 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।

इससे पहले रेल मंत्री ने देरी को लेकर बताई थी वजह:

गौरतलब है कि पिछले दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इन दिनों भारतीय रेलवे के हर उस प्रोजेक्‍ट पर फोकस कर रहे हैं, जो मोदी सरकार के मेगा प्‍लान का हिस्‍सा रही हैं। इनमें अहमदाबाद और मुंबई के बीच महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन (Ahmedabad Mumbai Bullet Train) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। हालांकि, बुलेट ट्रेन परियोजना किन्‍ही कारणों से 2023 तक नहीं दौड़ पाएगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल अफसरों ने इसकी वजह भी बताई थी। उनके मुताबिक, कोरोना महामारी और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण की धीमी रफ्तार से MAHSR (मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल) परियोजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। पूरी परियोजना पर महामारी के सटीक प्रभाव का पता लगाने के बाद संशोधित डेडलाइन पर काम किया जाएगा।

ट्रेन महाराष्ट्र, दादरा, नागर हवेली और गुजरात से होकर गुजरेगी:

इसी के साथ संगठन की प्रवक्ता सुषमा गौड़ ने बताया कि वापी के नजदीक पूरी ऊंचाई पर यह ढांचा तैयार किया गया है। यह ट्रेन महाराष्ट्र, दादरा, नागर हवेली और गुजरात से होकर गुजरेगी। इस दौरान यह 12 स्टेशनों पर रुकेगी। इसके तैयार हो रहे स्तंभों की औसत ऊंचाई 13 मीटर से कुछ ज्यादा है। यह ऊंचाई चार मंजिला इमारत के बराबर होगी।

जुड़े रहिये जारी है अपडेट, एक्यूरेट इनफॉर्मर।

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