कोरोनाकाल में ऑस्ट्रेलिया में उग आए ‘जॉम्बी फिंगर’, दुर्लभ फंगस देख वैज्ञानिक हैरान!
लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, आपको बतादें कोरोनाकाल में बहुत सी चीजें हुई कुछ अच्छी, कुछ बेहद बुरी. लेकिन कुछ चीजें बड़ी विचित्र हुई है। कोरोनाकाल में ऑस्ट्रेलिया में एक ऐसा फंगस पैदा हुआ जो विलुप्त होने की कगार पर है।
इसे देखने से लगता है कि यह किसी जॉम्बी की उंगलियां हैं यानी किसी मृत व्यक्ति की सड़ी हुई उंगलियों जैसी। ये ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट के पास एक द्वीप पर टूटे और गिरे हुए पेड़ों पर पैदा हुए हैं।
जॉम्बी फिंगर को वैज्ञानिक भाषा में हाइपोक्रिपोसिस एम्प्लेकटेंस (Hypocreopsis amplectens) कहते हैं। जबकि ऑस्ट्रेलिया में आम भाषा में टी-ट्री फिंगर्स (Tea-Tree Fingers) कहते हैं।
इसे देखकर लगता है कि जंगल में गिरे पेड़ों पर उंगलियां उभर कर बाहर आ गई हैं, उन्होंने पेड़ों की तनों की जकड़ रखा है। इस फंगस को देखकर ये मृत इंसान की सड़ी हुई उंगलियों जैसा आभास कराता है।
गिने-चुने स्थान पर पाई जाती है:
ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में कुछ ही गिने-चुने स्थानों पर ही जॉम्बी फिंगर्स यानी टी-ट्री फिंगर्स दिखाई देते हैं। ये बेहद दुर्लभ होते हैं। ऑस्ट्रलेयिन रॉयल बॉटेनिक गार्डेन्स विक्टोरिया (RBGV) ने इस बात की जांच की और पुख्ता किया कि ऑस्ट्रेलिया में दो अन्य स्थानों पर भी जॉम्बी फिंगर्स गिरे हुए पेड़ों के तनों को जकड़ कर रखते दिखाई दिए हैं।
RBGV के शोधकर्ता माइकल अमोर के मुताबिक इंसान इसे पहली बार देखे तो वह डर ही जाएगा। लेकिन इसका यह आकार और आकृति ही इसे पनपने में सर्वाइव करने में मदद करती है। यह मृत, टूटे और उखड़े हुए पेड़ों पर उगता है. इस पैरासाइट फंगस की उंगलियों के गड्ढे और उभार इन्हें टूटने, दरार और गिरने से बचाते हैं।
जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) एक पैरासाइट है. यह मरे हुए पेड़ों की छालों और अन्य फंगस को अपना शिकार बनाता है। इसे लार्वा और अन्य कीड़े बड़े चाव से खाते हैं। यह उनके लिए नाश्ते की तरह होता है। माइकल कहते हैं कि यह जटिल खाद्य प्रक्रिया का हिस्सा है। साथ ही यह कीड़ों के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
माइकल अमोर कहते हैं कि इतनी ज्यादा मात्रा में मिलने वाले जॉम्बी फिंगर्स (Zombie Fingers) को देखकर लगता है कि हमें भविष्य में पैरासाइट फंगस के बारे में ज्यादा अध्ययन करने को मिलेगा।क्योंकि आमतौर पर जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी की वजह से ऐसे विलुप्त प्रायः जीव खत्म हो रहे हैं। ये मुख्य इलाकों से गायब हो रहे हैं।
लाइव साइंस की रिपोर्ट:
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