गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसी कंपनियों में खामी ढूंढ कर 20 साल की अदिति ने कमाए 44 लाख
आपको बतादें Microsoft से 22 लाख रुपये का इनाम लेकर सुर्खियों में आई 20 साल की अदिति सिंह का कभी डॉक्टर बनने का सपना था।
लेकिन अब वो साइबर एनालिस्ट है। हाल ही में अदिति ने Microsoft Azure क्लाउड सिस्टम में एक खामी खोजी थी।इसको लेकर कंपनी ने रिवार्ड के तौर पर 22 लाख रुपये से भी अधिक का इनाम अदिति को दिया। हमने अदिति से बातचीत की है और जानना चाहा कि इसकी शुरुआत कब से हुई।
ऐसा नहीं है ये पहली बार हुआ है। इससे पहले भी अदिति कई बार बड़ी कंपनियों के लिए बग्स खोज चुकी है और इनाम पा चुकी है। बग्स खोजकर वो अब तक 60,000 डॉलर (लगभग 44 लाख रुपये) कमा चुकी है।
आजतक से बातचीत करते हुए अदिति ने बताया कि उन्होंने अब तक फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, टिकटॉक, इथेरियम सहित 40 से ज्यादा कंपनियों से इनाम पाया है जिसे बाउंटी कहते हैं। उन्हें कुल मिला कर अब तक 60 हजार डॉलर्स की बाउंटी मिली है।
आपको बतादें अदिति सिंह शुरू से साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट नहीं बनना चाहती थी। पहले वो डॉक्टर बनने का सपना लिए मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। वो मेडिकल कॉलेज के लिए एंट्रेंस एग्जाम भी दी थी लेकिन रुचि नहीं होने की वजह से अपना क्षेत्र बदल दिया।
बेसिक टूल्स का उपयोग:
मेडिकल छोड़ने बाद बाद उन्हें साइबर सिक्योरिटी क्षेत्र में अपने इंटरेस्ट के बारे में पता चला। शुरुआत में वो कुछ बेसिक्स हैकिंग टूल्स का यूज करने लगी।
ये इंटरेस्ट तब और बढ़ गया जब अदिति अपने पड़ोसी का WiFi पासवर्ड हैक कर ली। अदिति के मुताबिक उन्होंने बाउंटी हंटिंग पिछले साल से ही शुरू की है। इस दौरान अदिति को हारवर्ड युनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी, कोलंबिया युनिवर्सिटी और युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की तरफ से अप्रिसिएशन लेटर भी मिला है।
स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद वो टेक कंपनी Mapmyindia के साथ बतौर साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट जुड़ गई। TikTok और Facebook के लिए भी वो बग्स खोज चुकी है। इसके लिए Facebook की ओर से उन्हें 7,500 डॉलर (लगभग 5.40 लाख रुपये) का इनाम भी दिया जा चुका है।
अलग-अलग बाउंटी प्रोग्राम से वो अब तक लगभग 44 लाख रुपये कमा चुकी है। टेक कंपनियां बाउंटी प्रोग्राम का आयोजन करती रहती है। ऐसे में अगर किसी खामी की रिपोर्ट यूजर्स कंपनी को सब्मिट करते हैं और वो खामी सच में पाई जाती है तो यूजर्स को इनाम दिया जाता है।
अदिति ने कहा कि फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल के हॉल ऑफ फेम में उन्हें जगह भी मिली है। इसके अलावा युनाइटेड नेशन्स के हॉल ऑफ फेम में भी उन्होंने जगह हासिल की है।
आसान नहीं था रास्ता:
ऐसा नहीं है ये रास्ता अदिति के लिए आसान था। शुरूआती दिनों में उन्होंने कई रिजेक्शन झेले हैं लेकिन इसके बावजूद वो अपने प्रैटिक्स को जारी रखती थी। उनके अनुसार इस प्रोफेशन में टाइम और पेशेंस का होना बहुत जरूरी है।
बग्स खोजने के लिए अदिति को फेसबुक, टिकटॉक, माइक्रोसॉफ्ट, Mozilla, Paytm, Ethereum, HP जैसे 40 से ज्यादा बाउंटी प्रोग्राम्स से इनाम मिल चुके हैं। इसको लेकर अदिति को कई नामी-गिरामी यूनिवर्सिटी से प्रशंसा पत्र भी मिल चुके हैं।
अदिति सिंह को गूगल के बग हंटर हॉल ऑफ फेम में जगह मिल चुकी है। अदिति की सफलता से कई यंगस्टर्स प्रभावित हुए हैं। अदिति का मानना है इस क्षेत्र में संभावना काफी ज्यादा है। कई छोटी कंपनियां भी अब बाउंटी प्रोग्राम रखती है।
इस क्षेत्र में नए आने वाले युवाओं के लिए अदिति ने कहा है बिना सीखे कमाने की ओर ना जाएं। सीखने के बाद ही कमाने की ओर ध्यान दें। इसमें काफी ज्यादा पेशेंस रखने की जरूरत होती है। अपनी गलतियों से सीख कर आगे बढ़ें।
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