Russia-Ukraine war: यूक्रेन में दूसरे भारतीय छात्र की हुई मौत
आपको बता दें इस वक़्त की बड़ी खबर रूस और यूक्रेन की लड़ाई में अब एक और भारतीय छात्र की मौत हो गयी है। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 दिनों से जारी जंग अब भारत को भी गहरा जख्म देने लगी है। आज बुधवार को यूक्रेन में फंसे दूसरे छात्र की मौत हो गई।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 7 दिनों से जारी जंग में अब भारत समेत दूसरे देश भी पिसने लगे हैं। यूक्रेन में पढ़ने के लिए गए पंजाब (Punjab) के छात्र की बुधवार को ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। इसके साथ ही यूक्रेन जंग में मरने वाले भारतीयों का आंकड़ा बढ़कर 2 हो गया है।
यूक्रेन में कर रहा था MBBS की पढ़ाई:
आपको बता दें मृतक नौजवान चंदन जिंदल (Chandan Jindal) पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था. वह 4 सालों से यूक्रेन के विनीसिया स्टेट (Vinnytsia) में MBBS की पढ़ाई करने गया हुआ था।
इसी के साथ-साथ वहां पर 2 फरवरी को चंदन जिंदल गंभीर रूप से बीमार हो गया। उसे Ischemic स्ट्रोक आया था, जिससे उसके दिमाग में खून जम गया और बाद में उसे आईसीयू में दाखिल करवाना पड़ा था।
ऑपरेशन भी किया गया:
इसी के साथ आपको बता दें उसका अस्पताल में ऑपरेशन भी किया गया. उसकी देखभाल के लिए 7 फरवरी को पिता और ताऊ युक्रेन गए थे।
वहां पर अस्पताल में उसकी हालत में सुधार आया और चंदन (Chandan Jindal) के दोस्त उसका ख्याल रखने लगे. जिसके बाद ताऊ वापस भारत वापस लौट आए। जब वे भारत वापस लौटे, तब तक रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हो चुकी थी।
बुधवार को मिला मौत का समाचार:
बुधवार को घरवालों को यूक्रेन (Ukraine) में चंदन (Chandan Jindal) की मौत का मैसेज मिला। बताया गया कि ब्रेन हेमरेज की वजह से उसकी मौत हो गई है। यह समाचार मिलते ही उसके परिवार में मातम छा गया। उसकी मां, बहन और पारिवारिक सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। पीड़ित परिवार अब भारत सरकार से चंदन की पार्थिव देह को वापस लाने की मांग कर रहा है।
रोमानिया बॉर्डर पर धक्केशाही कर रही फौज:
आपको बता दें युक्रेन से लौटे मृतक के ताऊ कृष्ण कुमार ने यूक्रेन (Ukraine) से भारत आने में हो रही परेशानियां बताई। उन्होंने कहा कि वह बहुत मुश्किलों के साथ रोमानिया बार्डर से लौटे हैं।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही है। हालांकि रोमानिया से भारत लाने में जरूर भारत सरकार मदद दे रही है।
रोमानिया बॉर्डर पर भारतीय छात्रों को वहां की फौज की धक्केशाही का भी शिकार होना पड़ रहा है। सिख संस्था खालसा एड रोमानिया बॉर्डर पर भारतीयों के लिए लंगर और दूसरी सहूलियतें दे रही है।
जुड़े रहिये लगातार अपडेट जारी है, एक्यूरेट इनफॉर्मर।