इलाहाबाद कोर्ट: गाय भारत की संस्कृति; घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु

इलाहाबाद कोर्ट: गाय भारत की संस्कृति; घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु

इलाहाबाद, एक्यूरेट इनफॉर्मर: आपको बता दें इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि गो मांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता।

इसी के साथ बूढ़ी बीमार गाय भी कृषि के लिए उपयोगी है। इसकी हत्या की इजाजत देना ठीक नहीं। यदि गाय को मारने वाले को छोड़ा गया तो वह फिर अपराध करेगा। हाई कोर्ट ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व व सामाजिक उपयोगिता को देखते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया है।

इस पर आगे कोर्ट ने कहा कि भारत में गाय को माता मानते हैं। यह हिंदुओं की आस्था का विषय है। आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है।

इलाहाबाद कोर्ट: गाय भारत की संस्कृति; घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु
इलाहाबाद कोर्ट: गाय भारत की संस्कृति; घोषित किया जाए राष्ट्रीय पशु, फोटो: unspalsh

गोरक्षा का काम केवल धर्म नहीं, इससे भी बढ़कर:

इस पर आगे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि गोरक्षा का काम केवल एक धर्म संप्रदाय का नहीं है और न ही गायों को सिर्फ धार्मिक नजरिए से नहीं देखना चाहिए, बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति की रक्षा का कार्य देश के प्रत्येक नागरिक का है।

इसी के साथ कोर्ट ने कहा कि पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी संप्रदायों के लोग रहते हैं। देश में पूजा पद्धति भले अलग-अलग हो, लेकिन सबकी सोच एक है। सभी एक-दूसरे के धर्म का आदर करते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने संभल के जावेद की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिया है।

जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक अर्जी पर शासकीय अधिवक्ता एसके पाल, एजीए मिथिलेश कुमार ने प्रतिवाद किया।

खिलेंद्र ले गया गाय चुराकर:

इसी के साथ याची के ऊपर आरोप है कि उसने साथियों के साथ खिलेंद्र सिंह की गाय चुराकर जंगल ले गया। वहां अन्य गायों सहित खिलेंद्र की गाय को मारकर उसका मांस इकट्ठा करते टार्च की रोशनी में देखा गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिकायतकर्ता ने गाय के कटे सिर से पहचान की। आरोपित मौके से मोटरसाइकिल छोड़कर भाग गया। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। याची आठ मार्च 2021 से जेल में बंद हैं।

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गोवध है प्रतिबंधित:

आपको बता दें हाई कोर्ट ने कहा कि देश के 29 में से 24 राज्यों में गोवध प्रतिबंधित है। एक गाय जीवनकाल में 410 से 440 लोगों का भोजन जुटाती है।

इसी के साथ वहीं, गोमांस से केवल 80 लोगों का पेट भरता है। महाराजा रणजीत सिंह ने गो हत्या पर मृत्यु दंड देने का आदेश दिया था। यही नहीं, कई मुस्लिम और हिंदू राजाओं ने गोवध पर रोक लगाई थी। गाय का मल व मूत्र असाध्य रोगों में लाभकारी है।

आपको बता दें गाय की महिमा का वेदों-पुराणों में बखान किया गया है। रसखान ने कहा है कि उन्हें जन्म मिले तो नंद के गायों के बीच मिले। गाय की चर्बी को लेकर मंगल पांडेय ने क्रांति की थी। संविधान में भी गो संरक्षण पर बल दिया गया है।

मंत्री ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत:

अब जैसे ही यह मामला मीडिया रिपोर्ट्स में आया इस मामले पर राजनीतिय प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुझाव का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा, गौरक्षा के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हम सब संकल्पित हैं। गौ माता के संरक्षण को लेकर हम लगातार संकल्पित हैं। ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था भी है।मंत्री ने कहा, अगर हम हाई कोर्ट के सुझाव पर अमल करेंगे तो विश्व स्तर पर इसका बड़ा विस्तार मिलेगा।

जुड़े रहिए जारी है अपडेट, एक्यूरेट इनफॉर्मर।

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