Bareilly RTO News : बरेली के आरटीओ में कर्मचारियों का गोलमाल, एक मालिक के नाम दौड़ रहे है 1269 ऑटो

Bareilly RTO News : बरेली के आरटीओ में कर्मचारियों का गोलमाल, एक मालिक के नाम दौड़ रहे है 1269 ऑटो

बरेली, RTO : आपको बतादें जिस परिवहन विभाग पर ट्रैफिक नियम सुचारू रखने और एक-एक वाहन को निगरानी का जिम्मा है, उसी के कर्मचारियों ने कागजों में गोलमाल करके सड़कों पर भ्रष्टाचार की गाड़ी बेखौफ दौड़ा दी।

यह सब एक फाइनेंसर को फायदा पहुंचाने के लिए खेल भी ऐसा रचा, अफसरों का भी दिमाग चकरा गया। एक दो नहीं उन्होंने शहर में दौड़ रहे 1,269 ऑटाे का मालिक एक ही शख्स को बना डाला।

Bareilly RTO News : बरेली के आरटीओ में कर्मचारियों का गोलमाल, एक मालिक के नाम दौड़ रहे है 1269 ऑटो
Bareilly RTO News : बरेली के आरटीओ में कर्मचारियों का गोलमाल, एक मालिक के नाम दौड़ रहे है 1269 ऑटो, फोटो: अमृत विचार

नियम तोड़ने का दुस्साहस इतना कि बाकायदा परमिट और आरसी भी नंबर एक में जारी कर दी।तब से ये सारे आॅटो बिना किसी रोक-टोक के शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं और मजाल काेई उन्हें हाथ तो लगा दे।

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खुलेआम चल रहा गैर-कानूनी काम:

आपको बतादें खुलेआम लेनदेन का गैरकानूनी गुण आमतौर पर परिवहन विभाग में घुसते ही आपको दिख जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस हो या वाहन ट्रांसफर समेत अन्य कोई काम। बाहर बैठी दलालों की फौज पहुंचते ही आपको तुरंत घेर लेगी और कहेगी सर् हम सस्ते में करा देंगे आइये आइये….

केवल इतना ही नहीं इसके अलावा कभी टैंकर को ट्रक, बाइक को कार बनाने में यहां के कर्मचारियों को पहले ही महारत है लेकिन, हालिया मामले में वे इससे भी दो कदम आगे निकल गए।

मनमानी के सारे रिकार्ड ही तोड़ दिए। इस बार कर्मचारियों की दरियादिलों बरसी है कालरा एचपी एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड पर जो शहर में आटो खरीदने के लिए लोन बांटती है।

कंपनी ने 2005 से 2015 के बीच शहर में हजारों लोगों की लोन दिया लेकिन, इसी आड़ में अपने यहाँ नौकरी करने वाले अजय कुमार के नाम एक-दो नहीं बल्कि 1,269 आटो के पंजीकरण व परमिट करवा लिए। इसी तरह दूसरे वर्क संजय के नाम करीब 450 ऑटो के कागजात में, पार्टनर बना दिया।

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अब भी चल रहे दो नामों के वाहन: 

जागरण की रिपोर्ट में छपी खबर के अनुसार, आपको बतादें शहर में 500 के तकरीब ऑटो अभी भी दो नामों से चल रहे है जबकि 2015 में ऐसे वाहनों की आरसी व परमिट निरस्त कर किसी एक के पक्ष में करने के निर्देश दिए गए थे।

कमल गुप्ता, आरटीओ का बयान:

जागरण को बताया, मामला संज्ञान में नहीं था। इसकी विस्तृत जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

गोबिंद सिंह कालरा, RTO:

इन्होंने भी जागरण को बताया, दोनों हमारी कंपनी में काम नहीं करते थे। वह लोन लेने वालों की गारंटी लेते थे। कागजात में उनके नाम गारंटर के रूप में दर्ज है।  

जुड़े रहिये, फाइनेंस व क्राइम अपडेट, जारी है एक्यूरेट इनफॉर्मर।

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